मित...
Tuesday, 13 November 2012
दुरियाँ..
दुरियाँ
तो वोह
जरिया है मेरे दोस्त
तेरी चाहत की आरज़ू सजती है जहाँसे
पर इतना भी न तड़पा उसे की लगे
तुझ सा बेवफा यहाँ कोई नहीं
- रोहित
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