मित...
Sunday, 6 January 2013
शायरी..
तुम भूल जाओगे, ये हमें मंजूर नहीं
तुम भुला पाओगे, इतने भी कमजोर नहीं
हम इन्तेजार करते है, एक नए दौर का
एक नयी सुबह, और कोई शोर नहीं
- रोहित
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